कद्दू की सब्जी भंडारे में हलवाई द्वारा बनाया जाने वाला प्रमुख व्यंजन है। कद्दू की खट्टी-मीठी सब्जी का स्वाद तो लाजबाब होता ही है साथ ही साथ यह पूरी और कचौरी को पचाने में भी बहुत मददगार होती है।
कद्दू की सब्जी को ही कुछ जगह कुम्हड़ा की सब्जी, काशीफल की सब्जी, सीताफलकी सब्जी, और पेठे की सब्जी, कहा जाता है। इस सब्जी को घरों में लंच या डिनर के समय साइड डिश के रूप में सर्व किया जाता है।
गर्मियों में प्रमुखतः से बनाने वाली कद्दू की सब्जी को आम दिनों के अलावा धार्मिक विद्यानों की सलाह पर सेंधा नमक के साथ पका कर नवरात्रि व्रत के दौरान भी खाया जा सकता है।
आप भी मुख्य सामग्री काशीफल के पीसों को कुछ परंपरागत मसालों के साथ बहुत कम समय में आसानी से इसको घर पर बना सकते हैं। इस सब्जी के टेंगी स्वाद के लिये इसमें हरी मिर्च, आमचूर पाउडर, धनिया, हींग,कलोंजी, चीनी और सौंफ जैसे मसालों को डाला गया है।
इस कद्दू की सब्जी रेसिपी में हमने चित्रों और सरल स्टेप्स के साथ भंडारे जैसी हलवाई वाली खट्टी-मीठी काशीफल की सब्जी को बनाने की विधि को शेयर किया है। साथ ही साथ स्वाद में बदलाव, सर्व करने एवं स्टोर करने सम्बन्धी सुझाव भी बताये हैं आइये जानते है आवश्यक सामग्री…..
कद्दू की सब्जी बनाने की सामग्री:-
- हरा कद्दू – 500 ग्राम
- शुद्ध देसी घी – 2 चम्मच
- हींग – 1 चुटकी
- मैंथी दाना – ½ चम्मच
- हरी मिर्च (बारीक कटी हूई) – 2
- अदरक का पीस (कद्दूकस किया हुआ) – 1 इंच लम्बा
- हल्दी (पाउडर) – ½ चम्मच
- लाल मिर्च (पाउडर) – ½ चम्मच
- धनियां (पाउडर) – ½ चम्मच
- अमचूर (पाउडर) – ½ चम्मच
- कलोंजी – ½ चम्मच
- सौंफ (कुटी हुई) – 1 चम्मच
- चीनी – 2 चम्मच
- लाल मिर्च (साबुत) – 1
- करी पत्ता – 2
- नमक – स्वादानुसार
- हरा धनियां – 1 चम्मच
कद्दू की सब्जी बनाने की विधि:-
कद्दू या काशीफल की सब्जी बनाने के लिए सबसे पहले आप कद्दू से बीज और गूदा निकाल लीजिये और इसको आधा इंच के टुकड़ों में काट कर धो लीजिये।
एक कढ़ाई में तेल गर्म कीजिये, इसमें हींग और मैथी दाना तड़कने तक भून लीजिये।
इस तड़के में कद्दू के टुकड़ों के साथ हल्दी पाउडर, धनियां पाउडर, लाल मिर्च पाउडर, हरी मिर्च, अदरक और स्वादानुसार नमक डालिये।
सब्जी को चलाते हुए मसालों को कद्दू के पीसों में अच्छे से मिला लीजिये।
अब आप इसमें स्वादानुसार चीनी मिला कर चला लीजिये।
कद्दू की सब्जी को ढक कर आठ मिनटों तक धीमी गैस पर पकाइये।
तय समय के बाद देखेंगे की कद्दू मुलायम हो गया है, गैस बंद कर दीजिये।
पकी हुई काशीफल या कद्दू की सब्जी में अमचूर पाउडर और हरा धनियां मिला दीजिये।
स्वादिस्ट कद्दू की हलवाई जैसी सब्जी तैयार है, कद्दू की सब्जी गरमा गरम पूरी और बूंदी के रायते के साथ सर्व कीजिये और खाइये।
उपयोगी सुझाब:
आइये जानते हैं कुछ ऐसे सुझाव जो की स्वादिष्ट मेथी की चटनी बनाने और स्टोर करने में निश्चित ही आपको उपयोगी लगेंगे….
स्वाद में बदलाव एवं बनाने सम्बन्धी सुझाव :-
पीले कद्दू का छिलका मोटा होता है, इसलिए उसका छिलका छील कर ही सब्जी बनाइये बहुत स्वादिष्ट बनेगी।
हरे छिलके वाले कद्दू में जूस की मात्रा ज्यादा होती है, इसलिए उसे बिना पानी के हल्की आँच पर ही पकाया जाना चाहिये।
अगर आप प्याज का स्वाद पसंद करते हैं तब ऑइल में हींग जीरा भूनने के बाद एक बारीक कटी प्याज डालें और हल्की गुलाबी होने तक भून कर डाल दें। वैसे काशीफल की सब्जी बिना प्याज के ही अच्छी लगती है।
शुद्ध देसी घी की महक कद्दू की सब्जी में अच्छी लगती है, वैसे आप इसकी जगह रिफाइंड या किसी भी खाद्य तेल का प्रयोग कर सकते हैं।
कद्दू की सब्जी में हलवाई जैसा खट्टा मीठा स्वाद के लिये चीनी को डाला गया है, चीनी एवं अमचूर पाउडर की मात्रा को आप कम ज्यादा कर सकते हैं।
स्टोर करने एवं सर्व करने सम्बन्धी सुझाव :-
फ्रिज में स्टोर करके कद्दू की सब्जी को आठ दिनों तक खाया जा सकता है।
भंडारे में ज्याददातार हलवाई वाली आलू की सब्जी, काशीफल / कद्दू की सब्जी, बूंदी के रायते और मेथी दाना की चटनी – मेथी की लौंजी को उड़द दाल की कचौड़ी के साथ परोसा जाता है।
रोजाना में कद्दू की सब्जी को भोजन थाली में साइड डिश के रूप में दाल, चावल, सब्जी और रोटी या पराठे के साथ सर्व कीजिये सभी इसके स्वाद को बहुत पसंद करेंगे।
कद्दू (Pumpkin) खाने के फायदे :-
आहार विशेषज्ञों का कहना है कि कद्दू में केरोटीन की मात्रा बहुतायत में होती है और कद्दू के बीज भी आयरन, जिंक, पोटेशियम और मैग्नीशियम के बहुत अच्छे स्रोत हैं।
कद्दू में मुख्य रूप से बीटा केरोटीन पाया जाता है, जिससे विटामिन ए मिलता है। यह तत्व हृदयरोगियों के लिए अत्यंत लाभदायक है।
कद्दू कोलेस्ट्राल की मात्रा को कम करने वाला, ठंडक पहुंचाने वाला और मूत्रवर्धक होता है, जिससे यह भोजन पाचक और पेट की सामान्य गड़बड़ियों में भी लाभदायक है।
कद्दू रक्त में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करता है और अग्न्याशय को सक्रिय करता है। डॉक्टर भी मधुमेह रोगियों को कद्दू खाने की सलाह देते हैं।
पीले और नारंगी रंग के कद्दू में दुनिया भर में इस्तेमाल होने के कारण ही 29 सितंबर को ‘दुनिया पंपकिन डे’ के रूप में जानती है।
कुछ अन्य भंडारे की सचित्र रेसीपीज :-
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nice recipe, thanks