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काढ़ा रसोई में उपलब्ध सामग्री से आसानी से घर पर बना कर परिवार में सभी को पिलाइये जिससे उनकी इम्युनिटी बूस्ट होगी और सभी बदलते मौसम की सामान्य बीमारियों जैसे खांसी, जुकाम, कफ, गले में इंफेक्शन और हल्का बुखार इत्यादि से सुरक्षित रहेंगे।
इस आयुर्वेदिक काढ़ा रेसिपी में हमने किचिन में आसानी से उपलब्ध सामग्री से आयुष काढ़ा बनाने का तरीका चित्रों के साथ साझा किया है। इस पारंपरिक काढ़े का सेवन करके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर होगी और प्राकृतिक चीजों से बना होने के कारण इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं होता है।
आइये जानते हैं हर्बल काढ़ा बनाने का तरीका और इसको बनाने की आवश्यक सामग्री को….
काढ़ा बनाने की सामग्री:-
- तुलसा / तुलसी के पत्ते (Basil Leaves) – 5-6
- लाल इलायची के दाने (Red Cardamom Seeds) – 1/2 चम्मच
- काली मिर्च (Black Pepper) – 5-6 दाने
- हल्दी पाउडर/ पिसी हल्दी (Turmeric) – 1/2 चम्मच
- अदरक (Ginger) – 1/2 इंच का टुकड़ा
- मुनक्का (Munakka) – 5-6
- गुड़ (Jaggery) – स्वादानुसार
काढ़ा बनाने की विधि :-
एक खरहल (इमाम दस्ता) लीजिये और उसमें चित्रानुसार काढ़ा बनाने की सभी सामग्री डालिये।
सभी सामग्री को चित्रानुसार दरदरा (मोटा-मोटा) कूट लीजिये।
एक पेन लीजिये और उसमें एक गिलास पानी गर्म होने रखिये।
पानी में दरदरा कूटा हुआ काढ़े का मसाला डाल दीजिये।
काढ़े का मसाला मिले पानी में हल्दी पाउडर डाल कर एक चम्मच की सहायता से मिक्स कर लीजिये।
जो पानी में हल्का सा उबाल आने लगे तब उसमें चित्रानुसार गुड़ मिल दीजिये।
बीच-बीच में चलाते हुए काढ़े को गाढ़ा होने तक पका लीजिये।
जब काढ़ा पसंदनुसार गाढ़ा हो जाये तब गैस बंद कर दीजिये और उसको छलनी की सहायता से चित्रानुसार छान लीजिये।
इस आयुर्वेदिक काढ़े को गर्मा-गर्म सर्व कीजिये या स्वयं सेवन कीजिये।
आयुर्वेदिक काढ़ा के टिप्स :-
आइये जानते हैं कुछ ऐसे सुझाव जो की हर्बल इम्युनिटी बूस्टर काढ़ा बनाने में निश्चित ही आपको उपयोगी लगेंगे….
स्वाद में बदलाव संबंधी सुझाव :- :-
आप अपने स्वाद अनुसार काढ़े को गुड की जगह चीनी या शहद से भी मीठा कर सकते हैं।
कुछ लोग काढ़े में हल्का सा नमक मिलाते हैं जिससे काढ़े का स्वाद और उपयोगिता दोनों बढ़ जाती है।
कुछ अन्य पारंपरिक काढ़े :-
कुछ ऐसी पारंपरिक काढ़े की सामग्री और बनाने के तरीके जानिये जिनको आप बहुत आसानी से घर पर बना कर हल्की-फुल्की बीमारियों से परिवार को सुरक्षित रख सकेंगे….
तुलसी का काढ़ा :-
तुलसी का काढ़ा बनाने के लिए आप तुलसा जी के पत्तों के साथ थोड़ी दालचीनी, तेजपात के पत्ते, सौंफ, छोटी इलाईची और काली मिर्च को पानी में डाल कर उबाल कर ऊपर दी हुई विधिअनुसार काढ़ा तैयार लीजिये।
अदरक, लौंग, तुलसी और काली मिर्च का काढ़ा :-
लौंग, तुलसी, अदरक और काली मिर्च का काढ़ा सामान्य सर्दी जुकाम और नाक बंद होने पर बहुत फायदा पहुंचाता है. इस काढ़े को पीने से पाचन क्रिया दुरुस्त होती है, अदरक का रस गले की खराश को खत्म करता है। बनाने की विधि वही रहेगी।
शहद-इलाईची वाला काढ़ा :-
बड़ी इलाईची (लाल इलाईची) और शहद मिला कर इसी विधि से बना काढ़ा का सेवन कोरोना के शुरुआती लक्षण में जब सांस लेने में तकलीफ होती है तब बहुत फायदा करता है। इस काढ़े को कोरोना की दवा के साथ-साथ लेते रहिये आप निश्चित ही जल्दी ठीक हो जाएंगे।
काला नमक, लौंग-तुलसी का काढ़ा:-
लौंग-तुलसी और काले नमक से बना काढ़ा का सेवन जोड़ों के दर्द में काफी आराम पहुंचाता है।
इस काढ़े को बनाने के लिए एक बर्तन में दो गिलास पानी में 8-10 तुलसी के पत्ते, 5 लौंग डालकर धीमी आंच पर अच्छी तरह उबाल लीजिये जब पानी आधा रह जाये तब एक गिलास में छान कर इसमें स्वादानुसार काला नमक मिला कर गुनगुना ही सेवन कीजिए।
वायरल फीवर में फायदेमंद काढ़ा :-
बदलते मौसम में वायरल फीवर एक आम बीमारी है, हमारी दादी माँ हमें हमेशा इस मौसम में जो काढ़ा पिलाती थीं उसकी सामग्री और विधि शेयर कर रही हूँ यह काढ़ा एक घरेलू रामबाण पारंपरिक औषधी है।
एक पेन में लगभग दो गिलास पानी ले कर उसमें दो बड़ी इलायची, दालीचीनी का एक टुकड़ा, 5-7 काली मिर्च, 3-4 लौंग, आधी चम्मच अजवाइन और एक चुटकी हल्दी का पाउडर मिला कर आधा होने तक खौला लीजिये, ठंडा होने के बाद छान कर गुनगुना ही पी लीजिये।
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