पूरी की लोई में उड़द,की दाल, मूंग की दाल, आलू या मटर भर कर जो पूरी तैयार होती है उसे कचोरी कहते हैं, प्रसिद्ध स्ट्रीट फूड फूली हुई उड़द दाल की कचोड़ी को आलू की सब्जी और चटनी के साथ भंडारों में भी सर्व किया जाता है।
कचौरी राजस्थान का एक सिग्नेचर स्नैक है, यहाँ कोटा की नमकीन प्याज की कचौरी एवं जोधपुर की मीठी मावा कचोड़ी और इंदौर की राज कचौरी बहुत प्रसिद्ध हैं। गुजरात में गोल आकार की मूंग दाल और मसालों से भरी कचोरी चाय के साथ नाश्ते में तो दिल्ली में खस्ता कचोड़ी को आलू की सब्जी के साथ सर्व किया जाता है, बंगाल में कचोरी को कोचुरी कहते है जिसको मैदा में हींग मिलाकर बनाया जाता है। उड़द दाल की की फूली -फूली कचोरी / पूरी को आप भी घर पर बहुत आसानी से बना लेंगे बस इस रेसपी में दिये हुए चित्र और स्टेप्स को फॉलो करना है.. कचौड़ी बनाने की सामग्री:-
- गेंहू का आटा – 1 कप
- उड़द की दाल – ¼ कप
- अदरक पेस्ट – 1 चम्मच
- जीरा – ¼ चम्मच
- हरी मिर्च ( कटी हुई) – 1
- हींग – 2 चुटकी
- लाल मिर्च (पाउडर) – ½ चम्मच
- गरम मसाला (पाउडर) – ½ चम्मच
- सौंफ (कूटी) – 2 चम्मच
- नमक – स्वादानुसार
- खाद्य तेल – कचोड़ी तलने के लिए
कचौड़ी बनाने का तरीका :-
उड़द दाल को धो कर 3-4 घंटे पानी में भिगो दीजिये, तय समय बाद दाल को मिक्सी की सहायता से दरदरा पीस लीजिये।
एक बर्तन में आटा छान लें उसमें एक चम्मच तेल और स्वादानुसार नमक मिला कर थोड़े-थोड़े पानी के साथ नर्म आटा गूँथ लीजिये। गूँथे हुए आटे को ढक कर अलग रख दीजिये।
मिडीयम आँच पर एक कढ़ाई में तेल गर्म करें, उसमें हींग जीरे का तड़का लगा कर हरी मिर्च, अदरक पेस्ट, लाल मिर्च और सौंफ को गर्म मसाले के साथ भून लें। तैयार तड़के में पिसी हुई उड़द दाल को अच्छी तरह से मिला कर भून लीजिये।
आटे की छोटी -छोटी लोई बना लें, उसमें चित्रानुसार दाल के मिश्रण (उरद दाल की पिट्ठी) को भर कर लोई ऊपर से बंद कर दीजिये।
उड़द दाल की पिट्ठी भरी सभी लोई को पूरी के आकार में थोड़ा मोटा बेल लीजिये।
एक कड़ाही में तेल गर्म कीजिये, इसमें बेली हुई कचौड़ी डालें और हल्के-हल्के छेद वाली कल्छी से दबाएँ, इससे कचौड़ी फूल जाएगी, कचौड़ी को दोनों तरफ से सुनहरा होने तक तल लीजिये। तैयार उड़द दाल कचोड़ी को तरी वाली आलू की सब्जी, दही और खट्टी-मीठी चटनी के साथ सर्व कीजिये।
उपयोगी सुझाब:
धीमी आँच पर पूरी खस्ता और करारी सिकती हैं, इन कचोड़ी / पूरी को आप गर्म- गर्म ही सर्व करें, अगर सफर, लंच बॉक्स या बाद में खाने के लिये पूरी / कचोड़ी सेक रहें हैं तब आँच को मीडियम से थोड़ा तेज रखें।
नमक मिला आटा बहुत ज्यादा देर न रखें क्यूंकि यह ढीला हो जायेगा और कचोड़ी को बेलने में दिक्कत आयेगी।
पिट्ठी में स्वादानुसार तीखे के लिये आप मिर्च की मात्रा कम या ज्यादा कर सकते हैं।
तली कचौड़ी को किचन पेपर पर ही निकालें जिससे इनका अतिरिक्त तेल पेपर सोख लेगा।
लाजबाब, बहुत अच्छा प्रयास है रीना जी