भारतवर्ष में सभी प्रमुख त्योहारों में जन्माष्टमी का त्योहार अपना एक विशेष स्थान रखता है भगवान श्री कृष्ण के जन्मदिन के उपलक्ष में हम लोग यह व्रत रखते हैं। बचपन से हम देखते आ रहे हैं कि इस दिन भगवान का भोग इसी मेवा पाग, धनिये की पंजीरी और पंचामृत से लगता है। वैसे तो सर्दियों के दिनों में कभी भी हम इस पंजीरी को खा सकते हैं लेकिन जन्माष्टमी के दिन इसका अपना विशेष महत्व है आइए आपको इस पंजीरी को बनाने की आसान विधि बताते हैं….
फलाहारी मेवा पाग बनाने की सामग्री:-
- खरबूजे की मींग – 50 ग्राम
- मखाने – 50 ग्राम
- गोला (कसा हुआ) – 50 ग्राम
- सूखा हुआ गोंद – 25 ग्राम
- खसखस – 25 ग्राम
- काजू – 50 ग्राम
- बादाम – 50 ग्राम
- शुद्ध घी – 1 कप
- चीनी – 500 ग्राम
- पानी – डेढ़ कप
फलाहारी मेवा पाग बनाने की विधि:-
मेवा पाग या मेवा की पंजीरी बनाने के लिये एक भारी तले की कढ़ाई को गैस पर गर्म कीजिये, कढ़ाई में गोले, खरबूजे की मींग और खसखस को भून कर अलग रख लीजिये।अब कढ़ाई में शुद्ध घी डालिये घी में मखाने भून कर अलग रख लीजिये।
अब इसी घी वाली कढ़ाई में बादाम और काजू फ्राई कर अलग निकाल लीजिये।गोंद को तोड़ कर छोटे-छोटे पीसों में दरदरा करके तल लीजिये (गोंद कचरी की तरह फूल जाएगा)सारी सामिग्री को मिला कर ठंडा होने रख दीजिये।
ठंडा होने के बाद सभी सामिग्री को मिक्सी में या इमाम दस्ते में दरदरा कूट (पीस) लीजिये।
एक कड़ाही में एक तार की चाशनी तैयार कीजिये। चाशनी को चेक करने के लिए एक छोटे चम्मच में चाशनी को निकाल कर उसे ठंडा कर लें और दो उंगलियों के बीच रख कर चित्रानुसार चिपका कर देखिये,अगर उंगलियों के बीच तार जैसा बनता है, तो समझ लें कि आपकी चाशनी तैयार है।
तैयार चाशनी में मिक्स कुटी हुई मेवा डालकर अच्छी तरह मिला लीजिये।मेवा को मिला कर मिश्रण को जल्दी-जल्दी लगातार चलाना है।
एक घी से चिकनी की हुई थाली या ट्रे में गर्मागर्म मिश्रण पलट दीजिये।मेवा के मिश्रण को एक चमचे की सहायता से ऊपर से दबा-दबा कर थाली में सभी तरफ बराबर फैला दीजिये।
ठंडा होने पर स्वादिष्ट मेवा की पंजीरी या मेवा पाग को मन चाहे आकार में काट कर एयर टाइट डिब्बे में स्टोर कर लीजिये।
उपयोगी सुझाब:
मेवा की पंजीरी बहुत ही पोस्टिक और स्वास्थवर्धक होती है।
इस पौष्टिक मेवा पाग को सर्दी के मौसम में सामान्यता खानी चाहिए।
इस ड्राई फ्रूट बर्फ़ी (मेवा पाग या पंजीरी) का प्रयोग जच्चा के खाने के लिए भी होता है।
एक साफ़ कंटेनर में मेवा पाग को पंद्रह दिनों तक स्टोर करके रख सकते हैं।
मेवा की पंजीरी सभी ब्रत में खाई जाती है।
व्रत / उपवास के लिए अन्य मिठाई की रेसिपी जाने:
- गोंद की वर्फी (कतली)
- दूध मलाई के ताकत वाले लड्डू
- गोले की पंजीरी
- आलू का स्वादिष्ट हलवा
- मखाने की खीर
- लौकी की खीर बनाने की विधि – घीया की खीर
- अखरोट का हलवा
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