Table of Contents
श्रीखंड दही और चीनी से बनी बहुत ही स्वादिष्ट मिठाई है जो की भारत के पश्चिमी राज्यो गुजरात और महाराष्ट्र में बहुत लोकप्रिय है। इस मीठे पकवान को गणेश चतुर्थी, जन्माष्टमी पर विशेष रूप से बनाया जाता है।
श्रीखंड बनाने की मुख्य सामग्री टंगी हुई दही (दही का चक्का) या पानी निकला दही और चीनी ही है। इस मिठाई को पकाने की जरूरत नहीं होती आप इसमें आम, कटे हुए मनपसंद ताजे फल, सूखे मेवे, इलाईची पाउडर, केसर या गुलाब की पंखुड़ी मिला कर इसको अपने स्वादानुसार अनेक स्वादों और रंगों में बना सकते हैं।
श्रीखंड को पसंद करने वाले आजकल सारे भारत में मिल जायेंगे बच्चों से लेकर बड़े-बूढ़े तक सभी श्रीखंड को बड़े चाव से खाते हैं। श्रीखंड की खास विशेषता यह है कि इसको बनाने की सभी सामग्री पौष्टिक होती है।
वैसे तो श्रीखंड को भोजन के बाद डेसर्ट के रूप में सर्व किया जाता है पर पारंपरिक रूप से हलुआ पूरी की तरह इसको भी त्योहारों पर पूरी के साथ खाया जाता है।
इस श्रीखंड रेसिपी में हमने अनेक चित्रों एवं ईजी स्टेप्स के साथ श्रीखंड बनाने का तरीका आपके साथ साझा किया है, इसको बनाना बहुत आसान है। हमने कुछ ऐसे सुझाव भी शेयर किए हैं जो की इसको बनाने एवं स्टोर करने में आपको उपयोगी लगेंगे।
आइये जानते हैं श्रीखंड मिठाई बनाने की आवश्यक सामग्री और विधि……
श्रीखण्ड बनाने की सामग्री:-
- दही (Curd) – 4 कप
- चीनी पाउडर/बूरा/ तगार (Fine Sugar) – स्वादानुसार
- इलायची पाउडर (Cardamom) – 1 चम्मच
- मेवा, बारीक कटी हुई (Chopped Dry Fruits ) – 1/2 कप
- केसर / जाफरान, दूध में भीगी हुई (Saffron) – 1/2 चम्मच
श्रीखण्ड बनाने की विधि:-
श्रीखंड बनाने के लिये सबसे पहले एक सूती कपड़े में दही को चित्रानुसार पलट दीजिये।
अब दही की पोटली बांध कर एक जाली पर ठंडी जगह में 3-4 घंटे के लिए लटका दीजिये।
इस तरह तय समय के बाद दही में से सारा पानी निकल जायेगा और दही चिकना हो जायेगा।
इस बिना पानी के दही को एक छलनी की सहायता से चित्रानुसार छान लीजिये जिससे दही बहुत सॉफ्ट और क्रीमी हो जायेगा।
इसी छलनी में दही के साथ-साथ चीनी पाउडर (बूरा / तगार) को भी मिक्स करके छान लीजिये।
अब इस तैयार गाढ़े-गाढ़े-मुलायम मीठे दही में केसर वाला दूध, इलाइची पाउडर और मन-पसंद मेवा के पीस मिक्स कर दही को फेंट लीजिये।
दही को फेटने के बाद आपका मुलायम और यम्मी श्री खंड तैयार हो जायेगा।
2-3 घंटे फ्रिज में ठंडा करके स्वादिष्ट श्रीखंड को सर्व कीजिये और खाइये। श्रीखंड में मेवे की जगह आप अपने पसंद के फलो को भी मिला सकते है।
श्रीखंड के टिप्स :-
आइये जानते हैं कुछ ऐसे सुझावों के बारे में जो की स्वादिष्ट श्रीखंड मिठाई को बनाने, स्टोर करने और सर्व करने में निश्चित ही आपको उपयोगी लगेंगे….
स्वाद में बदलाव एवं बनाने सम्बन्धी सुझाव :-
केसर के स्वाद में श्रीखंड बनाने के लिये एक चम्मच दूध में 6-7 पत्ती केसर की फुला कर उसको दही फैटते समय मिला दीजिये, बहुत अच्छे रंग और खुशबू के साथ श्रीखंड बनेगा।
आम के गूदे के साथ जो स्वादिष्ट श्रीखंड बनाया जाता है उसको आम्रखंड कहते हैं।
गुजरात में खाने के साथ मथो यानि फल युक्त श्रीखंड को सर्व किया जाता है।
श्रीखंड का एक रूप पीयूष है जिसको महाराष्ट्र के सभी रेस्तरांओं में श्रीखण्ड को दूध/दही या पानी मिलाकर पतला करके एक पेय के रूप में सर्व किया जाता है।
गुजरात में विशेषकर खंभात में भी श्रीखंड को पतला-पतला सर्व किया जाता है जिसको शेडकी (શેડકી) कहते हैं। शेडकी को तरल रूप में गुलाब की पंखुड़ियों के साथ ठंडा करके मिट्टी के पात्रों में सर्व किया जाता है।
स्टोर करने एवं सर्व करने सम्बन्धी सुझाव :-
पानी निकले दही (ग्रीक योगर्ट) को 8-10 घंटे फ्रिज में स्टोर कर सकते हैं।
अगर आपने दही को पहले से ही टांग के चक्का बना लिया है तब केवल 10 मिनट में मनपसंद स्वाद में श्रीखंड को तैयार कर सकते हैं।
बच्चे किसी भी समय श्रीखंड खाने के लिये उत्साहित रहते हैं पर आप परिवार में सभी को डिनर के बाद डेसर्ट की तरह इसको सर्व कीजिये सबको मूड बन जायेगा।
महाराष्ट्र एवं गुजरात में श्रीखंड को पुरी और आलू सब्जी के साथ दोपहर के भोजन में सर्व किया जाता है यह वहाँ का एक एक लोकप्रिय कोम्बो मील है।
श्रीखंड खाने के फायदे :-
श्रीखंड बिना ऑइल की एक पौष्टिक मिठाई है जिसके सेवन से हमें दही और फलों के सभी औषधीय गुण स्वाद के साथ मिल जाते हैं पर एक निश्चित अनुपात में इसको खाना चाहिये क्यूँकी इसमें कैलोरी और फैट की मात्रा अधिक होती है।
श्रीखंड खाने से हमको प्रोटीन, कैल्शियम, अनेक विटामिन और फॉस्फोरस प्रचुर मात्रा में मिल जाते हैं।
अन्य दही के पकवानों की रेसिपी :-
- दही बड़े (दही भल्ला) बनाने की विधि
- दही पकोड़े वाली कढ़ी बनाने की विधि
- राजस्थानी प्याज की कढ़ी बनाने की विधि
- दही वाली आलू की चाट बनाने की विधि
- पंजाबी कढ़ी पकोड़ा बनाने की विधि
आपने बहुत सरलता से बहुत अच्छी तरह समझाया धन्यवाद