व्रत उपवास में भरपूर एनेर्जी को स्वाद के साथ लेने के लिये साबूदाना खिचड़ी एक सर्वोत्तम फलाहार है। नवरात्रि, शिवरात्रि व्रत और सावन माह के दौरान साबूदाने की खिचड़ी को बहुत चाव से खाया जाता है।
साबूदाना दो तरह के होते हैं एक बड़े और सामान्य आकार के, जबकी छोटे आकार के साबूदाने आपस में हल्के से चिपके चिपके रहते हैं, बाहर एशियाई स्टोर्स में यह साबूदाना Tapioca के नाम से उपलब्ध हो जाता है, बड़े साबूदाने से hi खिली – खिली और टेस्टी खिचड़ी बनती है।
साबूदाने में स्टार्च की मात्रा बहुत होती है, जिसके कारण आपका पेट लंबे समय तक भरा रहता है। व्रत उपवास में हल्के मसालों और सैंधा नमक के साथ इसको बनाया जाता है। आप स्वादानुसार साबूदाने की खिचड़ी में आलू और मूंगफली के दानों को मिला कर और भी टेस्टी बना सकते हैं।
मुख्यतः मराठी रेसपी साबूदाने की खिचड़ी को अंग्रेजी में सागों पोलेंटा कहते हैं। महाराष्ट्र में सागो खिचड़ी को स्ट्रीट फूड के रूप में बेचा जाता है।
व्रत उपवास के अतिरिक्त आप कभी भी साबूदाने की खिचड़ी को खा सकते है, इसको शाम की चाय के समय अल्पाहार के रूप में नीबू का रस डाल कर खाना अच्छा लगता है। आमतौर पर सागो खिचड़ी को पतले दही (छाज) के साथ सर्व किया जाता है।
100 ग्राम साबूदाने में लगभग 1 ग्राम प्रोटीन, 11% जिंक (RDI),1 ग्राम फैट और 332 केलोरी पाई जाती है।
अब सबाल उठता है की घर पर बाजार जैसी फ़लहारी साबूदाने की खिचड़ी बनाने की विधी / तरीका क्या है ? आप इस सचित्र साबूदाने की खिचड़ी रेसिपी को पढ़ कर सामग्री और टिप्स के बारे में निश्चित ही सीख जायेंगे..
साबूदाने की खिचड़ी बनाने की सामग्री :-
- साबूदाना( पानी में भीगा हुआ – 1 कप
- मूंगफली के दाने- 1/2 कप
- जीरा – 1 चम्मच
- करी पत्ता- 4-5
- उबला आलू कटा हुआ- 1
- हरी मिर्च बारीक कटी हुई- 2
- टमाटर बारीक कटा- 1 ( व्रत आहार में टमाटर न डाले )
- नमक या सेंधा नमक- स्वादानुसार ( व्रत आहार में सेंधा नमक डालें )
- हरे धनिया की पत्ती – 4-5
- नींबू का रस- 1 चम्मच
- शुद्ध घी – 2 चम्मच
व्रत उपवास के व्यंजन बनाने में नमक की जगह सेंधा नमक का प्रयोग करें, कुछ जगह पर फलहारी व्यंजन में टमाटर नहीं खाया जाता है अतः ध्यान रखें।
साबूदाने की खिचड़ी बनाने की विधी :-
मूंगफली के दानों को भून कर उनका छिलका उतार लीजिये।
छिल्का उतरे मूंगफली के दानो को मिक्सर में दरदरा पीस लीजिये।
भीगे हुए साबूदाने का पानी निकाल लीजिये।
अब साबूदाने में दरदरे किये हुए मूंगफली के दानो को मिला दीजिये।
एक पेन में घी गर्म करके उसमें जीरे, हरी मिर्च और करी पत्ते को तड़का कर कटे हुए आलू और टमाटर डाल कर एक दो मिनट पका लीजिये।
इस तैयार मिक्स तड़के में मूंगफली मिले साबूदाने को पलट दीजिये और चला कर मिक्स कर लीजिये।
पेन को ढक कर साबूदाने की खिचड़ी को पाँच मिनट तक पका लीजिये।
तय समय बाद ढक्कन खोल कर इसमें नमक और नीबू का रस मिला दीजिये। आपकी स्वादिष्ट फलाहारी साबूदाने की खिली-खिली खिचड़ी तैयार है, सर्विंग प्लेट में निकालिये खाइये और खिलाइये।
उपयोगी सुझाब एवं साबूदाना सेवन के फायदे:-
अगर आप बिना व्रत के रोजाना के नाश्ते के लिये साबूदाने की खिचड़ी बना रहे है तब इसमें प्याज, टमाटर और अन्य मन पसंद सब्जियां मिला सकते हैं।
आप उबले आलू के पीसों की जगह फ्राई किये आलू के पीसों को डाल कर भी साबूदाना खिचड़ी बना सकते है।
साबूदाने के दानों को सारे स्टार्च के निकल जाने तक अच्छे से धो लीजिये जिससे बाद में दाने चिपकें नहीं।
साबूदाने की बिखरवाँ खिली-खिली खिचड़ी पानी में अच्छी तरह से फूले हुए साबूदाने से ही बनती है, अतः बड़े आकार के साबूदाने को रात भर और छोटे साबूदाने को कम से कम दो घंटे पानी में जरूर फुलाइए।
स्वाद में बदलाब के लिये सागो पुलाव में हल्का सा लालमिर्च पाउडर के साथ बूरा (चीनी पाउडर) छिड़क कर सर्व कीजिये।
साबूदाने में फेट की मात्रा कम और कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, कैल्कैल्शियम और पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होती है।
साबूदाना एक सुपर फ़ूड है इसके सेवन से हड्डियां मजबूत होती है।
साबूदाना एक जल्दी पच जाने वाला आहार है, इसके सेवन से कब्ज की शिकायत भी दूर होती है।
व्रत उपवास में ऑफिस या बच्चों के लंचबॉक्स में रखने के लिये साबूदाना खिचड़ी एक परफेक्ट व्यंजन है।
हमने साबूदाना पुलाव / साबूदाना खिचड़ी बनाने की यह रेसिपी बनाने के बाद ही लिखी है, कम या ज्यादा मात्रा में इसको बनाने के लिये सामग्री की मात्रा इसी अनुपात में बढ़ा या घटा लीजिये।
बहुत अच्छा समझाया है, एक ही बार में समझ या गया, सब साइट बहुत अच्छी है।